बरेली में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयुक्त सभागार में प्रस्तावित लाइट मेट्रो परियोजना को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एएआर और डीपीआर तैयार करने के लिए नियुक्त कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा प्रस्तुत कम्प्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) के आधार पर दो कॉरिडोर प्रस्तावित किए गए हैं। बरेली में लाइट मेट्रो परियोजना को पुनः सक्रिय किया गया है, जिसमें शहर में दो रूटों पर लाइट मेट्रो दौड़ाने का निर्णय लिया गया है।
पहले चरण में 12 किमी और दूसरे चरण में nine किमी के लाइट मेट्रो कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा। पहले इस परियोजना का बजट 3000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 5000 करोड़ रुपये हो गया है। बैठक में परियोजना की एएआर और डीपीआर बनाने के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में कंसल्टेंट एजेंसी मेसर्स राइट्स लिमिटेड ने प्रस्तावित कॉरिडोर का खाका प्रस्तुत किया, जिसे सभी विभागों के अधिकारियों ने मंजूरी दी। मंडलायुक्त ने संबंधित विभागों से अनापत्ति प्राप्त करने के निर्देश दिए और कहा कि एएआर रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, एयरफोर्स और यूनिवर्सिटी से प्राथमिकता के आधार पर अनापत्ति प्राप्त की जाए। दोनों कॉरिडोर का स्वरूप एएआर रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा। इस बैठक में डीएफओ दीक्षा भंडारी, सचिव बीडीए योगेंद्र कुमार, एसपी ट्रैफिक शिवराज, आरएम दीपक चौधरी समेत नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन के अधिकारी मौजूद थे।
पहले चरण में 12 किमी का कॉरिडोर रेलवे जंक्शन से चौकी चौराहा, सेटेलाइट बस अड्डा, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी, फनसिटी, बैरियर टू तिराहा तक फैला होगा। दूसरे चरण का कॉरिडोर चौकी चौराहा, अयूब खां चौराहा, कुतुबखाना चौराहा, कोहाड़ापीर तिराहा, डेलापीर तिराहा, आईवीआरआई बैरियर टू तिराहा तक फैला होगा, जिसकी अनुमानित लंबाई nine.50 किमी होगी। भविष्य में इस कॉरिडोर को चौकी चौराहे से रामपुर रोड पर सीबीगंज और बदायूं रोड पर साउथ सिटी तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है।
मंडलायुक्त ने संबंधित विभागों से अनापत्ति प्राप्त करने के निर्देश दिए और कहा कि एएआर रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, एयरफोर्स और यूनिवर्सिटी से प्राथमिकता के आधार पर अनापत्ति प्राप्त की जाए। दोनों कॉरिडोर का स्वरूप एएआर रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा। इस बैठक में डीएफओ दीक्षा भंडारी, सचिव बीडीए योगेंद्र कुमार, एसपी ट्रैफिक शिवराज, आरएम दीपक चौधरी समेत नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन के अधिकारी मौजूद थे।
दो साल पहले, जुलाई 2022 में, लाइट मेट्रो परियोजना को धरातल पर लाने के लिए लखनऊ रेलवे राइट्स टीम ने बरेली में नगर निगम और बीडीए के अधिकारियों के साथ पहली बैठक की थी। उस समय एयरपोर्ट से पीलीभीत बाइपास, सेटेलाइट बस अड्डा होते हुए जंक्शन तक कॉरिडोर बनाने पर विचार किया गया था, जिसमें 20 स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे। बाद में यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। परंतु दो साल बाद, इस परियोजना को पुनः धरातल पर लाने की कवायद शुरू की गई है।