बरेली शहर में स्थित अटल सेतु को चौपला ब्रिज को चौपला वाली लूप ब्रांच के हेतु 2 वर्ष का लम्बा इंतज़ार ख़तम हो गया है। अटल सेतु ब्रिज के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सेतु निगम के प्रस्ताव को मंजूरी प्राप्त हो गयी है। जिसमे अधिकारियों ने सीएम योगी को रिपोर्ट भेजकर ब्रिज की लागत बढ़ने की वजह बताई। लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने 15 करोड़ रूपए मंजूर करने पर आभार व्यक्त किया है और उम्मीद यही जताई जा रही है कि 1 सप्ताह के भीतर ओवर ब्रिज का बजट सेतु निगम को मिलने की उम्मीद है। जिसके अंतर्गत सेतु निगम द्वारा टेंडर को निकाल दिया गया है। 15 से 20 दिन या महीने भर में काम शुरू करने के आसार भी नज़र आ रहे है।
बताते चले कि वर्ष 2018 के माह दिसंबर में अटल सेतु निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन अटल सेतु को चौपला ब्रिज से कनेक्ट करने के वर्ष २०२० में एक प्राइवेट बिल्डिंग बाधा बन गयी, कारण यह रहा कि भवन के मालिक की आपत्ति के कारण काम नहीं हो सका। जिसके कारण सेतु निगम को अपने पुल का डिज़ाइन बदलनी पड़ी। जिसके बाद बिल्डिंग के पास स्थित मंदिर के पास स्टील के स्ट्रक्चर को खड़ा करके ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया। परन्तु स्लैब को मौके पर डालने की कोई गुंजाइज़ नहीं थी जिसके लेके 15 करोड़ रूपए का डिमांड किया गया। परन्तु बजट न मिलने के आभाव के कारण काम रुका हुआ था। जिससे कई महीने ब्रिज का काम बंद रहा था। जिसको लेके मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के बरेली आने पर संजीव अग्रवाल द्वारा इसका मुद्दा उनके सामने रखा गया। जिसको लेके लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद से भी मुलाकात की गयी। जिसके बाद वित्त समिति द्वारा मंजूरी दी गयी। वही पत्रावली को मुक्यमंत्री कार्यालय को अनुमोदन के लिए भेजी गयी थी सीएम ने ओवर ब्रिज की लागत बढ़ने के कारण की विन्दुवार रिपोर्ट मांगी थी। सेतु निगम ने अपने जवाब में लागत बढ़ने के लिए कोविड महामारी को भी ठहराया। जिसके लिए मुक्यमंत्री ने शनिवार को मंजूरी दे दी गयी। हालांकि अभी बजट सेतु निगम को मिलना बाकी है। दोनों ब्रिज के कनेक्ट होते ही दिल्ली हाईवे और बदायूं रोड के ट्रैफिक को आने-जाने में मदद मिलेगी।