Saturday, December 21, 2024
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84 घंटा मंदिर बरेली (84 ghanta mandir bareilly) में सिर्फ मातारानी के दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

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नमस्कार मित्रो कैसे है आप सब आशा करते है कि आप सभी बहुत अच्छे होंगे। मित्रो वैसे तो हमारे बरेली को नाथ नगरी और झुमका सिटी के नाम से जाना जाता है, चूँकि बरेली शहर की हर दिशा में भगवान शिव के मंदिर स्थापित है। लेकिन बरेली शहर में भगवान् भोलेनाथ के साथ-साथ माँ मातारानी माँ दुर्गा जी का भी बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर को 84 घंटा मंदिर बरेली (84 ghanta mandir bareilly) के नाम से जाना जाता है।

84 घंटा मंदिर बरेली (84 ghanta mandir bareilly) में सिर्फ मातारानी के दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
84 घंटा मंदिर बरेली (84 ghanta mandir bareilly) में सिर्फ मातारानी के दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

बरेली के बदायूं रोड पर स्थित 84 घंटा मंदिर को बहुत ही चमत्कारी मंदिर माना जाता है। मान्यता के अनुसार यहां परसिर्फ माँ दुर्गा के दर्शन करने से ही उनके सभी भक्तो की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। और जिन भक्तो की मनोकामनएं पूरी हो जाती है वह मंदिर में देवी माँ को भेंट के रूप में घंटा चढ़ाते है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान में 84 घंटा मंदिर में एक लाख 20 हज़ार से अधिक घंटे है।

जाने कैसे हुआ मंदिर का निर्माण?

84 घंटा मंदिर का निर्माण वर्ष 1969 में किया गया था। बताया जाता है कि आज जिस जगह पर यह मंदिर बना हुआ है।  उसी के पास स्वर्गीय उमाशंकर गर्ग ने मकान बनवाने के लिए यहां पर प्लाट लिया था। जब मकान बनाने के लिए जब नींव की खुदाई की जा रही थी, तो उमाशंकर की पत्नी स्वर्गीय शकुंतला देवी को माता रानी ने सपने में दर्शन दिए और सपने में मातारानी ने शकुंतला देवी से कहा कि वह घर बनवाने से पहले मंदिर का निर्माण करे।
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जिसके बाद शकुंतला देवी ने अपने पति के साथ अपने सपने वाली बात का जिक्र किया। जिसके बाद उमाशंकर ने सड़क किनारे सबसे पहले माता रानी के मंदिर का निर्माण कराया।  जिसके बाद मंदिर के नाम को लेके वह काफी असमंजस में थे। तब उनके दिमाग में यह बात आयी कि इस मंदिर में एक जितने घंटे मातारानी को भेंट किये जायँगे।
उसी के नाम पर इस मंदिर का नाम रखा जायेगा जिस बाद एक ही दिन में 84 घंटे चढ़ाए गए। जिसके कारण मंदिर का नाम 84 घंटा मंदिर पड़ा। और तब से लेकर अब तक मंदिर में एक लाख 20 हज़ार से ज्यादा घंटे चढ़ चुके हैं। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

मंदिर में जल रही अखंड ज्योति?

84 घंटा देवी मंदिर में एक ज्योत भी जलाई गयी थी। और कहते है कि इस ज्योत को 12 अक्टूबर 1969 को प्रज्वलित की गई थी। जिसके बाद से अब तक ये अखण्ड ज्योति अभी तक जल रही है। इसके साथ ही मंदिर में शिव परिवार, बजरंगबली की भी मूर्ति भी स्थापित हैं। 84 घंटा मंदिर के चमत्कार दूर दूर फैले हुए है जिसके बाद मंदिर में दर्शन के लिए बरेली ही नहीं कई के जिलों से लोग यहां आते हैं और मनोकामना पूरी हो जाने पर मंदिर में घंटा चढ़ा जाते हैं।

नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता?

वैसे तो 84 घंटा मंदिर में माँ के दर्शन करने के लिए लोग रोज़ आते है, परन्तु 84 घंटा मंदिर का भव्य नज़ारा नवरात्रि के दिनों में देखने को मिलता है। यहां काफी तादाद में भक्त माँ के दर्शन करने के लिए आते हैं। चैत्र नवरात्र के पहले मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना के लिए सैकड़ों भक्त उमड़ जाते है और पूरा मंदिर परिसर मां के जयकारों से गूंजयामान हो जाता है।

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