Wednesday, April 9, 2025
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बाबा अलखनाथ मंदिर: बरेली का वो चमत्कारी स्थान जहां पांडवों ने की थी शिव की आराधना, जानें इसका रहस्य और महत्व

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बरेली, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर, जो अपनी संस्कृति, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ स्थित बाबा अलखनाथ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका पांडवो से गहरा सम्बन्ध भी है। यह मंदिर भक्तो की मुरादे पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है और हर साल लाखो श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते है। तो आएं जानते है इस मंदिर के इतिहास, महत्वा और पांडवो से इसके सम्बन्ध के बारे में।

बाबा अलखनाथ मंदिर: बरेली का वो चमत्कारी स्थान जहां पांडवों ने की थी शिव की आराधना, जानें इसका रहस्य और महत्व
बाबा अलखनाथ मंदिर: बरेली का वो चमत्कारी स्थान जहां पांडवों ने की थी शिव की आराधना, जानें इसका रहस्य और महत्व

बाबा अलखनाथ मंदिर का इतिहास

बाबा अलखनाथ मंदिर बरेली शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है और इसे “अलखनाथ” के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “जो सब कुछ देख सकता है”। धार्मिक मान्यता के अनुसार यहाँ स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है, यानि प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुआ है। मंदिर का निर्माण कब हुआ, इसका कोई सटीक इतिहास तो नहीं मिलता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर कई सदियों पुराना है।

पांडवो से क्या है कनेक्शन?

बाबा अलखनाथ मंदिर का पांडवो से गहरा सम्बन्ध बताया जाता है। महाभारत काल में जब पांडवो को बनवास हुआ था, तब वे अपने बनवास के दौरान यहाँ आये थे। कहा जाता है कि पांडवो ने यहाँ भगवान् शिव की आराधना की थी और उनकी कृपा प्राप्त की थी। इसके बाद से ही इस स्थान को पवित्र माना जाने लगा और यहाँ शिवलिंग की स्थापना कराई गयी।

एक और अन्य कथा के अनुसार, पांडवो ने यहाँ एक यज्ञ किया था, जिसके बाद भगवान् शिव यहाँ प्रकट हुए और उन्होंने पांडवो को आशीर्वाद दिया। इसी वजह से इस मंदिर को पांडवो से जोड़कर भी देखा जाता है। यहाँ आने वाले भक्तो का मन्ना है कि बाबा अलखनाथ की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

अलखनाथ मंदिर की वास्तुकला और आकर्षण

बाबा अलखनाथ मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। बाबा अलखनाथ मंदिर का गुम्बद और शिखर काफी ऊँचा है, जो दूर से ही दिखाई देता है। मंदिर के अंदर शिवलिंग के साथ साथ आया देवी देवताओ की मुर्तिया भी स्थापित है। मंदिर के आसपास का वातावरण काफी शांत और आध्यात्मिक है, जो भक्तो को शांति और सुकून प्रदान करता है।

मंदिर का महत्व और मेले

बाबा अलखनाथ मंदिर में हर साल शिवरात्रि 2025(Shivratri 2025) के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान यहाँ लोग काफी दूर से भगवान् भोलेनाथ के दर्शन करने आते है। मान्यता के अनुसार शिवरात्रि 2025(Shivratri 2025) के दिन यहाँ पूजा करने से भक्तो के सभी कष्ट दूर हो जाते है और तो और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

कैसे पहुंचे बाबा अलखनाथ मंदिर?

बाबा अलखनाथ मंदिर बरेली शहर के मध्य में स्थित है और यहाँ पहुंचना काफी आसान है। बरेली रेलवे स्टेशन से मंदिर की दुरी लगभग 3 से 4 किलोमीटर की दुरी पर है, जहा आप ऑटो या टैक्सी के द्वारा बहुत आसानी से पहुंच सकते है। यदि आप बरेली हवाई मार्ग से आना चाहते है, तो आप सीधे बरेली के लिए फ्लाइट ले सकते है या आप चाहे तो बरेली के लिए ट्रेन या बस भी ले सकते है।

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बाबा अलखनाथ मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यहाँ बरेली की ऐतिहासिक और संस्कृतिक धरोहर भी है। इस मंदिर का पांडवो से जुड़ा इतिहास इसे और भी खास बनाता है। यदि आप बरेली आये तो एक बार बाबा अलखनाथ के दर्शन अवश्य करे और इस पवित्र स्थान की शान्ति  और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव जरूर ले।

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